
पिछले साल पेंसिल्वेनिया के बटलर में जब डोनाल्ड ट्रंप मंच पर वोट मांग रहे थे, उसी वक्त एक मैथ्यू क्रुक्स नामक व्यक्ति ने गोलियां चला दीं। इस हमले में ट्रंप को हल्की चोट आई — कान में खरोंच, लेकिन राजनीतिक फायदा गहरा।
जानिए आज का दिन आपके लिए क्या लेकर आया है?
असली सवाल तब उठा जब सामने आया कि सीक्रेट सर्विस से चूक हुई थी — और वो भी सीक्रेटली नहीं, ओपनली।
6 एजेंट्स का ‘बुलेटप्रूफ करियर’ सस्पेंड
सीक्रेट सर्विस के डिप्टी डायरेक्टर मैट क्विन ने खुद कबूल किया:
“यह एक ऑपरेशनल विफलता थी। हम पूरी तरह से जवाबदेह हैं।”
इस विफलता की सजा मिली छह कर्मियों को, जिन्हें चुपचाप निलंबित कर दिया गया — इतनी चुपचाप कि खुद सीक्रेट सर्विस को भी शायद बाद में पता चला हो।
हमलावर मारा गया, पर सवाल जिंदा हैं
हमलावर को मौके पर ही ढेर कर दिया गया। लेकिन उसके साथ जो सवाल आए, वो अब तक जिंदा हैं:
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ट्रंप के आसपास इतनी कम सिक्योरिटी कैसे?
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क्या सीक्रेट सर्विस भी “कभी आराम, कभी काम” वाली नीति पर चल रही थी?
राजनीतिक फायदा vs सुरक्षा चूक — कौन जीता?
जहाँ एक ओर ट्रंप को “हमला झेल चुके नायक” की छवि मिली, वहीं दूसरी ओर सीक्रेट सर्विस को “लापरवाह बॉडीगार्ड” का तमगा।
मतलब ट्रंप को वोट मिल सकते हैं, पर एजेंटों को सिर्फ सस्पेंशन लेटर।
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